हम वहीं है जहाँ तब थे खड़े
तुम ही पास से गुजर गये
एक बार मिलने कि दुआ
माँगी उस रब से ओर
तुम्हारे रास्ते इधर से निकल गये
दोश न देना तुम हमे
हम ऎसा न चाहते थे
ढूंढे जो जवाब बरसो
वो हमे अब मिल गये
गिला न होगा
चाहे भुला भी देना
अब तुम हमें|
मै कोई कवि नहीं और ये सिर्फ़ कविता नहीं।
हम वहीं है जहाँ तब थे खड़े
तुम ही पास से गुजर गये
एक बार मिलने कि दुआ
माँगी उस रब से ओर
तुम्हारे रास्ते इधर से निकल गये
दोश न देना तुम हमे
हम ऎसा न चाहते थे
ढूंढे जो जवाब बरसो
वो हमे अब मिल गये
गिला न होगा
चाहे भुला भी देना
अब तुम हमें|