अब उलफते वफा हम क्या करेगे
तुझे बदनाम हम क्या करेगे
सोती थी किस्मत हमारी ही
तो तुझे खुदा से चुराने का कैसे सोचेगे
मै कोई कवि नहीं और ये सिर्फ़ कविता नहीं।
अब उलफते वफा हम क्या करेगे
तुझे बदनाम हम क्या करेगे
सोती थी किस्मत हमारी ही
तो तुझे खुदा से चुराने का कैसे सोचेगे