भूल गयी मै
उस चाहत को
उस इबादत को
भूल गयी मै
उस तड़प को
उस कशिश को
भूल गयी मै
हां भूल गयी
उस मदहोशी को
उस ख़ामोशी को
तेरे आने का एहसास
तेरे मुलाकात
का इंतजार
भूल गयी मै
हां भूल गयी
मै कोई कवि नहीं और ये सिर्फ़ कविता नहीं।
भूल गयी मै
उस चाहत को
उस इबादत को
भूल गयी मै
उस तड़प को
उस कशिश को
भूल गयी मै
हां भूल गयी
उस मदहोशी को
उस ख़ामोशी को
तेरे आने का एहसास
तेरे मुलाकात
का इंतजार
भूल गयी मै
हां भूल गयी
वाह
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