तेरे इश्क़ मे हम, लो से जल जाते है,
तेरे छूते ही हम, मोम से पिघल जाते है|
आता नहीं तुझे चाहने के अलावा अब हमें कुछ और,
तेरे इंतजार में हम, श्याम से ही जग जाते है|
मै कोई कवि नहीं और ये सिर्फ़ कविता नहीं।
तेरे इश्क़ मे हम, लो से जल जाते है,
तेरे छूते ही हम, मोम से पिघल जाते है|
आता नहीं तुझे चाहने के अलावा अब हमें कुछ और,
तेरे इंतजार में हम, श्याम से ही जग जाते है|
Bahot khoob 👏👏👏
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Platonic view of great love.
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