तुम हो, तुम हो
बस अब तुम हो
हंसी तुम हो
खुशी तुम हो
मेरे दिल की
अब लगी तुम हो
लगी है ऐसी की
अब सुलझती नहीं है|
आसमा तुम हो
धरा तुम हो
मेरे दिल का
अब नशा तुम हो
नशा है ऐसा की
अब उतरता नहीं है|
तुम हो, तुम हो
बस अब तुम हो
खलिश तुम हो
कशिश तुम हो
मेरे दिल की
अब तपिश तुम हो
तपिश है ऐसी की
अब बुझती नहीं है|
अरज तुम हो
कर्ज तुम हो
मेरे दिल का
अब मर्ज तुम हो
मर्ज है ऐसा की
जिसके दवा नहीं है|
तुम हो, तुम हो
बस अब तुम हो…
बस अब तुम हो…
khubsurat lekhan…..badhiya.
पसंद करेंपसंद करें
बहुत खूब वाह
पसंद करेंपसंद करें