न हिंदी आती है
न उर्दू आती है
न कोई और भाषा
आता है तो बस
इन कागजो पर
हाल-ए-दिल बया करना|
न तोल तू मेरे
इन लफ्जो को
इस दुनिया की भाषा से
इस जुबा को तो
ठीक से “श”
कहना भी नहीं आता|
मै कोई कवि नहीं और ये सिर्फ़ कविता नहीं।
न हिंदी आती है
न उर्दू आती है
न कोई और भाषा
आता है तो बस
इन कागजो पर
हाल-ए-दिल बया करना|
न तोल तू मेरे
इन लफ्जो को
इस दुनिया की भाषा से
इस जुबा को तो
ठीक से “श”
कहना भी नहीं आता|
Tujhe English bhi nahi aati
पसंद करेंपसंद करें
Kya khub kaha hai.
पसंद करेंपसंद करें